दिघलबैंक प्रखंड के कचुनाला सहित प्रखंड क्षेत्र में रविवार को ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का पर्व परंपरागत तरीके से मनाया गया। त्याग और समर्पण के प्रतीक स्वरूप कुर्बानियां दी गई। बकरीद के नमाज पढ़कर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अमन शांति एवं खुशहाली की दुआएं मांगी। प्रखंड के केकचुनाला, गुवाबारी, मंगुरा,कलांगाछ,सिंघीमरी, पथरघट्टी, गोरूमरा, लक्ष्मीपुर,तालगाछ, दिघलबैंक सहित अन्य ईदगाहों में बकरीद की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई।

नमाज के बाद अकीदतमंदों ने अमन शांति के लिए अल्लाह ताला से दुआएं मांगी और एक दूसरे को गले लगाकर बधाई दिया। पर्व को लेकर सुबह से ही लोगों में उत्साह देखा गया। नए कपड़े पहनकर लोग विभिन्न ईदगाह और मस्जिदों में जमा होने लगे थे। इस मौके पर सानी मंगुरा ईदगाह में नमाज के दौरान संबोधित करते हुए इमाम मौलाना इकबाल अहमद नूरी ने कहा कि ईद उल अजहा बलिदान और संयम का दिन है। इस्लामी कैलेंडर के अंतिम माह जिलहिज्जा की दसवीं तारीख को यह पर्व मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी आत्मा को शुद्ध करने का एक उत्तम साधन है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दिखावे के लिए न हो। उन्होंने कहा कि हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे हजरत इस्माइल अलेही सलाम को कुर्बानी देने के लिए तैयार हो गए थे। अल्लाह को यह अदा काफी पसंद आई।
ईद उल अजहा एकता का संदेश देता है एकता से बड़ी कोई दौलत नहीं है। वही इस दौरान विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए है। क्षेत्र के सभी ईदगाहों में बकरीद को लेकर जिला प्रशासन द्वारा नमाज के दौरान दंडाधिकारी तथा पुलिस के जवान तैनात किया गया है जहां शांतिपूर्ण तरीके से ईदगाहों में अकीदतमंदों ने नमाज अदा कर अमन व चैन की दुवाएं मांगी।