बिहार की सियासत में अब जमीन को को लेकर गर्माहट है। आरजेडी ने पार्टी ऑफिस के लिए और जगह मांगी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि “क्या आसमान से लाएंगे जमीन।” नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि 2006 में आरजेडी ने जिस जगह की मांग की कि वह दे दी गई थी। वहीं आरजेडी का तर्क है कि पार्टी को जेडीयू और बीजेपी से कम जमीन मिली है। वह भी तब जबकि विधान सभा मैं पार्टी के सबसे ज्यादा विधायक हैं।
बिहार में आज कल जमीन की राजनीति ने जोर पकड़ा है यह जो राजनीति जमीन मजबूत करने की नहीं है यह मांग हो रही है। सरकारी जमीन की ताकि दफ्तर बराकर राजनीति बड़ी की जा सके आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इसी साल के मार्च महीने में भवन निर्माण विभाग के सचिव को पत्र लिखा था और पत्र के जरिए प्रदेश कार्यालय के संचालन के लिए जमीन की मांग की थी।
जगदानंद सिंह का तर्क है कि आरजेडी राज्य में सबसे अधिक विधायकों वाली पार्टी है। विधानसभा में आरजेडी के 75, बीजेपी के 74 और जेडीयू के विधायकों की संख्या 43 है। न्याय का सिद्धांत कहता है कि आवंटन बराबर का होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जेडीयू को 66000 वर्ग फीट, बीजेपी को 52000 वर्ग फीट, आरजेडी को 19842 वर्ग फीट जमीन दी गई है। इसीलिए अब उन्हें 14000 वर्ग फीट अतिरिक्त जमीन दी जाएगी। इस मुद्दे को लेकर जब मुख्यमंत्री से सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि 2006 में जिस जगह की मांग उन्होंने की थी वह उन्हें दे दी गई है।
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