पडरौना: अवैध रूप से 40 अस्पताल संचालित हो रहे है। इन अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन पहले हुआ था, मगर रिन्यूअल के लिये किये गये ऑनलाइन आवेदन के 4 महीने बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो सका है। ऑनलाइन आवेदन के 15 दिन के भीतर सभी कागजात की जांच होनी चाहिये थी। इसमें मानक पूरा करने वाले अस्पतालों का रिन्यूअल तथा जांच में मिलने पर लाइसेंस रद करने की कार्रवाई होनी चाहिये, मगर ऐसा अभी तक नहीं हुआ है। पडरौना स्थित एक अस्पताल सील के बाद नवीनीकरण का मामला गरमाया है।
निजी अस्पतालों का लाइसेंस समय पूरा होने के बाद रिन्यूअल करने के लिये ऑनलाइन आवेदन करने का नियम था। इसके तहत जिले के 40 अस्पताल संचालकों ने अपने अपने अस्पताल का कागजात लगा कर ऑनलाइन आवेदन किया था। इन आवेदन पत्रों की जांच में सही मिलने पर लाइसेंस रिन्यूअल करना था, कागजातों में कमी मिलने पर लाइसेंस को निरस्त करना था, मगर ऑनलाइन आवेदन मिलने के बाद सीएमओ कार्यालय जांच कराना ही भूल गया। यहीं वजह है कि 40 से अधिक अस्पताल बिना लाइसेंस संचालित हो रहे है। पडरौना स्थित एक अस्पताल सील करने के बाद ऑनलाइन आवेदन पत्रों की जांच सीएमओ कार्यालय ने शुरू की है।
सीएमओ के साथ अस्पताल संचालकों की हुई थी बैठक
सीएमओ डॉ सुरेश पटारिया ने एक महीना पहले निजी अस्पताल संचालकों के साथ सीएमओ कार्यालय में बैठक की थी। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में सीएमओ ने निजी अस्पताल संचालकों को 20 दिनों के अंदर अस्पताल की कमी दूर करने की मोहलत दी थी, मगर निजी अस्पताल संचालक दिए गए समय के अंदर कमी को दूर नहीं कर पाये। इस कारण अस्पतालों पर कार्रवाई के लिये स्वास्थ्य विभाग चिह्नित करना शुरू कर दिया है। इसकी जानकारी होने पर अस्पताल संचालक बेचैन है।
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बिना लाइसेंस संचालित अस्पतालों को सील कराते हुए संचालकों के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करायी जाएगी। जो अस्पताल पहले से पंजीकृत है रिन्यूअल के लिये ऑनलाइन आवेदन किये है, इसकी जांच की जा रही है। मानक पूरा करने वाले अस्पतालों का रिन्यूअल किया जाएगा। जो अस्पताल इन मानक को पूरा न करते हुए चलाये जा रहे है, उसका लाइसेंस रद करते हुए कार्रवाई होगी।
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