किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत कृषि प्रधान क्षेत्र होने के बावजूद किसानों को अपनी धान की फसल को बचाने के लिए यूरिया खाद नहीं मिल पा रही है। प्रखंड अंतर्गत कुल 16 पंचायत हैं और 16 पंचायत में से सिर्फ 10 को ही आवंटन किया गया है और दो आइएफडीसी को खाद उपलब्ध कराया गया है। ताकि किसानों को भरपूर मात्रा में खाद मिल सके लेकिन प्रखंड के अंतर्गत जो वास्तविक किसान हैं उन्हें अब तक खाद नहीं मिल पाया है। सरकार के नियमानुसार प्रत्येक किसानों को पैक्स के माध्यम से अपना आधार कार्ड और राशन कार्ड दिखाकर खाद लेनी है। लेकिन क्षेत्र के किसानों का कहना है कि हम लोगों को खाद अब तक नहीं मिल पाया है। हालांकि इस संबंध में विभागीय अधिकारियों का कहना है की सभी पैक्स को यूरिया उपलब्ध कराई गई थी और पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि जितने भी आवंटन के हिसाब से मुझे यूरिया मिले हैं वह सारे खपत हो चुकी है। किसानों दबी जुबान से कह रहे हैं कि अगर पैक्स में खाद आया तो खाद कहां गया। जब हम यहां के स्थानीय किसान हैं और मुझे अब तक खाद नहीं मिल पाई है। पैक्स वाले अगर खपत की बात कह रहे हैं तो आखिर खाद कहां गया यह एक जांच का विषय है। आखिर इतनी आवंटन रहने के बावजूद भी किसानों को खाद क्यों नहीं मिल पा रही है।
रिपोर्टर: निवास कुमार।
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